भाजपा ने सारे पैतरे अपना लिए मगर नहीं जुटा पाए भीड़
आगामी 26 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के परिपेक्ष में आज सांसद जनार्दन मिश्रा को नामांकन फॉर्म भरना था उसके पहले रैली निकाली जानी थी। इसके पूर्व में मध्य प्रदेश की कम डॉक्टर मोहन यादव की एक जनसभा आयोजित की गई थी। इस जनसभा के लिए पिछले तीन दिनों से प्रचार प्रसार अभियान का दौर तेजी के साथ चलाया जा रहा था। कोठी कंपाउंड परिसर में वेंकट भवन के आगे तक पंडाल लगाया गया था और ढाई हजार कुर्सियों का इंतजाम बीजेपी द्वारा कराया गया था। माना जा रहा था कि ढाई हजार लोग कुर्सी में बैठेंगे और कम से कम ढाई हजार लोग खड़े रहेंगे, लेकिन इसे संयोग कहिए अथवा लोगों की भाजपा से नाराजगी।
लोग बड़े प्रसन्न थे बैठने को कुर्सी मिल गई इसके बाद भी 400 से 500 कुर्सियां खाली रही। जो आते रहे उन्हें आराम से बैठने का इंतजाम मिलता रहा। यानी की 2000 की भीड़ वहां पर मौजूद नहीं थी लेकिन कुल मिलाकर लोग यह कह रहे थे कि डेढ़ से 2000 की भीड़ है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अभी आचार संहिता के पहले तक जब भाजपा के कोई कार्यक्रम हुआ करते थे तो चारों ओर प्रशासन द्वारा भीड़ जुटवा दी जाती थी। आज जब भीड़ नहीं दिखी तो मुख्यमंत्री डाक्टर मोहन यादव भी नाराज से दिखे। उधर भाजपा नेता भी इधर उधर मुंह छिपाते घूमते रहे। कहा जाता है कि इस चुनाव में भाजपा अपने जिला संगठन इकाई को भी नहीं पूछ रहा है इसलिए वह भी किनारे किनारे रह रहे हैं।
भीड न जुटने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है। उधर रीवा शहर में भाजपा के कार्यक्रम में भीड़ न जुट पाने पर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे थे। कहा जा रहा है कि भाजपा के लोगों ने भी इस कार्यक्रम के प्रति ज्यादा रुचि नहीं दी थी उसके चलते ही भीड़ नहीं आ पाई। उधर मुख्यमंत्री मोहन यादव की नाराजगी देखकर भाजपा के नेता भी सहमे सहमे रहे।
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