India गठबंधन: पांच राज्यों के चुनाव खत्म होने से पहले ही Lok Sabha चुनाव के लिए कवायद शुरू हो गई है। विपक्षी गठबंधन भारत में क्षेत्रीय दलों ने लामबंदी की कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत SP अध्यक्ष Akhilesh Yadav रविवार शाम को दो दिवसीय दौरे पर Chennai पहुंचे, जहां वह पूर्व प्रधानमंत्री VP Singh की प्रतिमा के अनावरण समारोह में शामिल होंगे। इस दौरान वह DMK नेता और Tamil Nadu के मुख्यमंत्री MK Stalin के साथ वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करेंगे। Akhilesh अगले महीने पश्चिम Bengal की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिल सकते हैं।
India गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी काफी हद तक इन राज्यों के चुनाव परिणामों पर निर्भर करेगा। सूत्रों का मानना है कि अगर Congress का प्रदर्शन बेहतर होता है, तो वह अधिक सीटों के लिए दबाव बनाएगी। अन्य दल भी अपने दृष्टिकोण से चुनाव परिणामों का विश्लेषण करेंगे और उसी आधार पर सीटों का वितरण चाहते हैं।
Madhya Pradesh चुनावों में जिस तरह से SP और Congress के बीच संबंधों में खटास आई, उसका असर Uttar Pradesh. में Lok Sabha सीटों के बंटवारे पर पड़ सकता है। SP सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे के उसके पिछले अनुभव वैसे भी अच्छे नहीं रहे हैं। चाहे वह Congress के साथ हों या BSP के साथ। क्षेत्रीय दलों को भी गठबंधन की राजनीति के कारण अपना वोट बैंक खोने का खतरा है। UP में इसका एक उदाहरण कम्युनिस्ट पार्टियां हैं, जो 60 और 70 के दशक में 4-5 Lok Sabha सीटें जीतती थीं, लेकिन 1989 में Janata Dal के साथ गठबंधन किया और उनका अस्तित्व समाप्त हो गया।
India गठबंधन में शामिल एक प्रमुख रणनीतिकार का कहना है कि कमोबेश सभी राजनीतिक दल गठबंधन के खतरों को समझते हैं। जहां भी Congress थोड़ी भी शक्तिशाली है, वह अपनी आंखें दिखाने से नहीं कतराती है। यही कारण है कि समान विचारधारा वाली प्रमुख क्षेत्रीय शक्तियां भारत गठबंधन के भीतर अपने मजबूत मोर्चे को बनाए रखना चाहती हैं, ताकि Congress उन पर हावी न हो सके।
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