राष्ट्र के विकास में युवाओं का योगदान
युवा शब्द ही अपने आप में ऊर्जा का संचार कर देता है। युवा राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है. वे भविष्य के नेता,कर्मचारी, वैज्ञानिक, डॉक्टर भी हो सकते हैं जो हमारे देश की आर्थिक वृद्धि और विकास को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. देश के विकास के लिए युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। इनमे किसी भी चीज को सीखने और किसी भी वातावरण में जल्दी ढलने की क्षमता होती है। भारत एक ऐसा देश है जिसके पास युवा शक्ति के रूप में एक मजबूत पावर हाउस है। भारत युवाओं की संख्या में अग्रणी देश है।
युवा कौन है?
युवा वह है जो अपने व्यक्तित्व और पुरुषार्थ से अपने परिवार, अपने समाज और अपने राष्ट्र का कीर्तिमान स्थापित करने में सहयोगी हों। जो अपनी ऊर्जा को इस्तमाल कर उसे सही राह पर लगाए और अपने भविष्य की सुनिश्चित योजना बनाएं।
युवा शक्ति सामान्य इंसानों को भी योद्धा बना देती है। इसका जीता जागता उदाहरण है बिहार के दशरथ मांझी जिन्होंने जनकल्याण के लिए पहाड़ को तोड़कर रास्ता बना दिया। युवा शक्ति का एक उदाहरण स्वामी विवेकानंद सरस्वती है जो 30 वर्ष की आयु में अमेरिका में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।
एपीजे अब्दुल कलाम को हम कैसे भूल सकते हैं उनकी उपलब्धियों ने देश को एक नई पहचान दी ।भगत सिंह,आजाद, लक्ष्मी बाई, खुदीराम बोस, सुभाष चंद्र बोस इन सभी क्रांतिकारियों के जिक्र के बिना युवा शक्ति का वर्णन अधूरा है।
आज के समय में भारत के युवा लगातार आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं और भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में अपना नाम कर रहे हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चंद्रयान-3 के युवा है जिन्होंने चंद्रयान-3 मिशन को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है और पूरे विश्व भर में अपने देश का नाम रोशन किया है।
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