रीवा की धरोहर और प्रसिद्ध सस्थान
रीवा मध्य प्रदेश का एक ऐसा जिला जहां भारत में सबसे पहले सफेद बाघ की खोज हुई जिसकी खोज महाराज मार्तंड सिंह ने 1951 में की थी। तब से लेकर आज तक रीवा जिले को सब THE LAND OF WHITE TIGER के नाम से भी जानते हैं। रीवा का नाम रेवा नदी से पड़ा जो की नर्मदा नदी का पौराणिक नाम कहलाता है। रीवा रियासत की स्थापना लगभग 1400ई मे बघेल राजपूत द्वारा की गई थी।
रीवा मे विश्व का एक मात्र मंदिर महामृत्युंजय है ऐसा माना जाता है कि लगभग 500 साल पहले बघेल रियासत के महाराज यहां पर महामृत्युंजय की अलौकिक शक्ति को महसूस कर लिया था और फिर यहां पर मंदिर की स्थापना करवाई थी।
इन सबके अलावा रीवा अपने जलप्रपातों के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है आईए जानते हैं रीवा के कुछ जलप्रपातों के बारे में।
पावन घिनौची धाम
पावन घिनौची धामपुर एक ऐतिहासिक और धार्मिक धाम है जो रीवा से लगभग 42 किलोमीटर की दूरी पर स्थिर है अगर हम बस के द्वारा जाते है तो हमें एक घंटे लग सकते है। प्राकृतिक सुंदरता से भरा यह धाम धरती से लगभग 200 फिट नीचे स्थित है यहां का झरन 12 महीने महादेव का निरंतन जल अभिषेक करता है। पावन घिनौची धामपुर एक बहुत अच्छा पिकनिक स्पॉट है।
बाहुती जलप्रपात
प्राकृतिक सुंदरता से भरा बाहुतीजलप्रपात मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात है यह झरना 600 ऊंचाई फीट से गिरती है यह जलप्रपात सेलर नदी से बना हुआ है जोकि टूरिस्ट को बहुत ही आकर्षित करता है। इसे एक अच्छा पिकनिक स्पॉट कहते है जो रीवा से लगभग 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थिर है।
पुरवा जलप्रपात
पूर्वा जलप्रपात रीवा के सबसे खूबसूरत स्थान में से एक है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता से भरा 200 फीट ऊंचा झरना है। इस झरने की सुंदरता टूरिस्ट को बहुत ही आकर्षित करता है। यह जलप्रपात रीवा से लगभग 25 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
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