विधानसभा चुनाव में सिरमौर विधानसभा क्षेत्र का एक अहम किरदार है।
विधानसभा चुनाव – यह किरदार न सिर्फ होने वाले चुनाव के चयनित प्रत्याशियों का है बल्कि एक अहम शख्स का है जो कोई आम शक्स नहीं बल्कि रीवा रियासत के युवराज और सिरमौर विधानसभा क्षेत्र के दो बार से विधायक रहे दिव्यराज सिंह का है।
रीवा जिले की सिरमौर विधानसभा सीट में होने वाला मुकाबला अक्सर बड़ा दिलचस्प रहता है। इस सीट पर कभी भी किसी दल का लंबे समय तक कब्जा नहीं रहा है लेकिन रीवा रियासत के युवराज दिव्यराज सिंह के प्रत्याशी के रूप में खड़े किए जाने के बाद से 10 सालों से यह मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में रहा है।
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इस सीट का मुकाबला दिलचस्प होने का एक कारण यह भी है कि 2008 के विधानसभा चुनाव में विंध्य के कद्दावर नेता और सफेद शेर कहे जाने वाले पंडित श्रीनिवास तिवारी को भी हार का सामना करना पड़ा था। 2013 के विधानसभा चुनाव में पंडित श्रीनिवास तिवारी के नाती विवेक तिवारी को प्रत्यासी के रूप में चुना गया वहीं 2018 में विवेक तिवारी की पत्नी अरुणा तिवारी को टिकट दिलाया गया था लेकिन दोनो को युवराज दिव्यराज सिंह के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
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बता दे की 2013 के विधानसभा चुनाव में सिरमौर विधानसभा सीट से इन्हें 40018 मतदाताओं का समर्थन मिला था और 2018 के विधानसभा चुनाव में इन्हें कुल 36042 वोटो से जीत हासिल हुई थी।
2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपने विकास के मुद्दों पर बात करते हुए युवराज दिव्यराज सिंह का यह कहना है कि उन्होंने जवा एवं बैकुंठपुर में शासकीय महाविद्यालय खुलवाएं, जवा एवं सिरमौर में सिविल अस्पताल खुलवाए,2 सीएम राइस डभौरा एवं सिरमौर को मिले, नेहरो का जाल बिछाया पूरे त्योंथर क्षेत्र में , सिरमौर के छूटे हुए 12 गांव में माइक्रो एलिगेशन से जोड़ने के लिए 44 करोड़ की स्वीकृत भी मिली है।
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