REWA NEWS : रीवा जिले के रायपुर थाना के थानेदार ने ये क्या कर दिया! अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहा फरियादी
3 दिन बाद दर्ज हुआ फर्जी SCST एक्ट
रीवा : कहते हैं जब रक्षक ही भक्षक बन बैठें तो सुरक्षा की उम्मीद किससे करे। यही हाल इन दिनों न केवल जिले भर की पुलिस अपितु प्रदेश भर की पुलिस का हाल है, पैसे के बल पर किसी निर्दोष के भी ऊपर मुक़दमा कर दिया जाता है तथा इसी पैसे के दवाव में आरोपी को बरी कर दिया जाता है।
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार ग्राम खैरा निवासी 54 वर्षीय बुजुर्ग अमरनाथ शर्मा सिंचाई विभाग रीवा में नौकरी करते हैं। रोज की तरह बीती रात ड्यूटी समाप्त कर अपनी मोटर साइकिल से गृहग्राम खैरा जा रहे थे।
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रात करीब 9 बजे ग्राम गोरगांव 164 हरिजन बस्ती रौरा सब स्टेशन के पास पहुंचे तो रोड पर एक आटो खड़ी थी जिसमें कुछ लोग शराबखोरी कर रहे थे,कुछ समय इंतजार करने के बाद भी जब आटो नहीं निकली तो उन्होंने आटो को रोड से हटाने की बात कही जो आटो पर बैठे लोगों को नागबार गुजरी और दीपक साकेत अपने साथियों के साथ लाठी डंडे लेकर आटो से उतरा और गाली गलौज करते हुए मारपीट पर उतारू हो गया।
इसी बीच फरियादी के चिल्लाने पर राहुल तिवारी व प्रदीप यादव ने बीच बचाव करते हुए बुजुर्ग की जान बचाई। इतना सबकुछ होने के बाद भी आरोपी गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। जिससे पीड़ित अमरनाथ शर्मा के सिर में गंभीर चोंट लगने के साथ ही,सिर के बाएं तरफ,दाहिने गाल एवं बाएं हांथ की बीच वाली उंगली में काफी चोंटे आईं। आनन फानन में घटना की सूचना पुलिस को दी गई जिस पर फरियादी को घायल अवस्था में रायपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां से उपचार के दौरान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई।
नागपुर किया गया रेफर
स्वास्थ्य में आराम न मिलने पर डाक्टर द्वारा संजय गाँधी अस्पताल रेफर कर दिया गया जहाँ बिगड़ती हालत को देखते हुए वहाँ से उपचार हेतु नागपुर रेफर कर दिया गया जहाँ वर्तमान समय में घायल बुजुर्ग उपचार जारी है। सिर में गंभीर चोंट के चलते लगभग 20 टांके लगे हुए हैं एवं घायल की हालत नाजुक बनी हुई है। प्राथमिकी दर्ज कर रायपुर पुलिस ने खानापूर्ति कर दी मामले में ना ही कोई गंभीर धारा लगाई और ना ही हफ्तेभर बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी की।
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इस दौरान लगातार रायपुर कर्चुलियान थाना प्रभारी उपनिरीक्षक पुष्पेन्द्र यादव से संपर्क करने पर वह शहडोल ड्यूटी का हवाला देते हुए वापस लौटकर उचित कार्यवाही करने का आश्वासन देते रहे जिसकी काल रिकार्डिंग मीडिया के पास मौजूद है।
इसी बीच अब रायपुर पुलिस ने अपना असली रूप दिखाते हुए आरोपियों की 3 दिन बाद थाने में बुलाकर पहले तो भय दिखाया फिर काउंटर केश के लिए दक्षिणा लेकर उनकी आवभगत की और फरियादी घायल बुजुर्ग के ऊपर ही बिना किसी जाँच पड़ताल के उस समय एससीएसटी (SCST) एक्ट का फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया जब वह जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था।
अब सबसे बड़ा प्रश्न यह है की यदि आरोपियों के साथ मारपीट हुई थी उनको चोंट लगी थी तो घटना के तुरंत बाद उन्होंने थाने में शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई,आखिर 3 दिन बाद क्यों थाने गए। संबंधित मामले में सबसे बड़ा प्रश्न यह है की यदि किसी बुजुर्ग पर आधा दर्जन युवक हमला करते हैं और घायल को गंभीर चोंट आईं हो तो पुलिस ने सामान्य धाराओं में मामले को रफा दफा करते हुए आरोपियों को पकड़कर पूंछतांछ करने की बजाय बुजुर्ग फरियादी पर ही एससीएसटी (SCST) एक्ट का फर्जी मामला कैसे दर्ज कर दिया और घायल को पकड़ने रीवा से हरिजन थाने की पुलिस भी जा पहुंची।
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