MP Higher Education: मध्य प्रदेश सरकार का नया कारनामा
मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग में एक नया कारनामा सामने आया है जो अतिथि विद्वान आमंत्रण प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है। कुछ दिनों पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अतिथि विद्वानों की महा पंचायत बुलाई थी और पंचायत ने मानदेय में बृद्धि करते हुए फालेन आउट अतिथि विद्वानों को अंदर करने के लिए घोषणा की थी।
लेकिन अभी तक उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा आमंत्रण प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाता था लेकिन मानदेय में बृद्धि होते ही उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारीयों ने आमंत्रण प्रक्रिया में अपने चहेतों को लाभ देने के लिए सरकार के नाक के नीचे आमंत्रण प्रक्रिया में खेल कर डाला।
MP Higher Education: फालेन आउट अतिथि विद्वानों के लिए अलग से पोर्टल खोला गया और फालेन आउट अतिथि विद्वानों ने चॉइस फीलिंग की मगर उच्च शिक्षा विभाग ने चयन सूची को जारी नहीं किया और फालेन आउट अतिथि विद्वानों के मोबाइल पर चयन का शंदेश भेज दिया उच्च शिक्षा विभाग के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बाकायदा चयन सूची उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर प्रकाशित की जाती थी लेकिन इस बार उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारीयों ने सरकार के चला-चली की बेला में एक और भ्रष्टाचार कर डाला और मुख्यमंत्री पारदर्शिता की दुहाई देते रहते हैं और युवा समस्त प्रकार की योग्यता रखते हुए भी अधिकारीयों की करतूत के कारण बेरोजगार बैठे हैं।
मुख्यमत्री प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने की बात हर मंच से करते हैं मगर धरातल में सभी के सामने है कि प्रदेश का युवा शिक्षित बेरोजगार बना बैठा हुआ है। एक तरफ मुख्यमंत्री सीखो कमाओ जैसी योजनाओं का प्रचार करते हैं और दूसरी ओर इसके अधिकारी कर्मचारी भ्रस्टाचार की इबारत लिखते है और सीखे सिखाये युवाओं को बेरोजगार बनाने का कार्य कर रहे हैं। क्या इसकी भनक मुख्यमंत्री को नहीं है?
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