क्या सिरमौर में दिव्यराज की लगेगी हैट्रिक । क्या कहती है जनता । क्या युवराज के सामने टिक पाएंगे वीडी पाण्डेय । क्या होगा त्रिकोणीय

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क्या सिरमौर में दिव्यराज की लगेगी हैट्रिक । क्या कहती है जनता । क्या युवराज के सामने टिक पाएंगे वीडी पाण्डेय । क्या होगा त्रिकोणीय

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का विगुल बज चुका है 17 नवंबर को मध्य प्रदेश में एक साथ 230 विधानसभा में बोटिंग होना है। जिसके लिए सभी पार्टियां अपना दमखम लगा रहे हैं आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। सभी पार्टियां अपने अपने प्रत्यासी मैदान में उतार दिए हैं कुछ जगह अभी बांकी हैं।

आज हम बात कर रहे हैं सिरमौर विधानसभा की जहा पर सभी पार्टियां अपने प्रत्यासी उतार चुके हैं देर रात कांग्रेस ने भी अपना उमीदवार उतार दिया है रामगरीब बनवासी को कांग्रेस ने अपना प्रत्यासी बनाया है। वही वीडी पाण्डेय बसपा से प्रत्यासी बनाये गए हैं। आम आदमी पार्टी ने सरिता पाण्डेय को प्रत्यासी बनाया है।

हमारी टीम ने ग्राउंड जीरो में जाकर जब लोगों से बात की तो जनता कहती है पूर्व में कांग्रेस ने राज किया और क्या मिला इस क्षेत्र को आने जाने का रास्ता भी नहीं था। दस वर्षों से दिव्यराज सिंह विधायक हैं और रास्ते सुगम हुए हैं। हम अपनी समस्या को उन तक आसानी से पहुंचा पाते हैं। महिलाओं ने कहा हमें लाड़ली बहना योजना का लाभ मिल रहा है। कुछ ने कहा हमें पीएम आवास मिल चुका है। एक बूढ़े व्यक्ति ने कहा मुझे बीमार होने पर मेरी दवाइयों का पूरा खर्च आयुष्मान योजना से हुआ है।

विधायक जी हमारे यहाँ हमें देखने भी आये थे हलचल जाने जब की मेरे घर कभी कोई विधायक नहीं आया था आज तक तो इस बार भी हमारा बोट दिव्यराज सिंह को जायेगा और वह भावुक हो गए बोले मेरे राजा उनके पुरखे थे और हमारे लिए वो राजा की तरह ही है।

हमारी टीम ने जब कुछ लोगों से बात कर सोशल मीडिया में चल रही भ्रष्टाचार की ख़बरों के बारे में पूंछा तो लोगों ने जवाब दिया कि कुछ लोग बहार से इम्पोर्ट हुए हैं जिसको गांव का नाम तक नहीं पता है वो क्या जानें कहा क्या हुआ है। उनका मकशद सिर्फ विधायक दिव्यराज सिंह कि छवि ख़राब करना है और कुछ नहीं इसका उन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा जितना भी आलोचना करना हो कर लें जीतेंगे दिव्यराज ही।

जब बात कि गई कि बसपा से प्रत्यासी वीडी पाण्डेय की तो लोगों ने जवाब में कहा की वीडी पाण्डेय का यहाँ कोई जनाधार नहीं है। वो कभी क्षेत्र में नहीं आते हैं और चुनाव आते ही मैदान में उतार गए और कुछ जगहों में ही जनसम्पर्क कर रहे हैं। उनका कोई जनाधार नहीं है जनता सब जानती है की किसके साथ जाना है।

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