रीवा आरटीओ की अवैध वसूली बना ट्रक ड्राइवरों को अभिशाप
रीवा – देश में लोकसभा चुनाव सर पर है जिसकी तैयारी सभी राजनीतिक पार्टियां कर रही है, लेकिन आरटीओ रीवा का अवैध वसूली का धंधा खूब फल फूल रहा है।
रीवा में आरटीओ चेकिंग के नाम पर वसूली अपने चरम पर है।परिवहन विभाग की चेकिंग के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली का खेल चल रहा है. वाहन चालक अपनी गाड़ी समय से पहुंचाने के लिए इस वसूली को चुपचाप सहन करते जाते हैं पर दबी जुबान कहते जाते हैं कि इन वसूली कर्ताओं पर कब कार्यवाही होगी, अब ईश्वर ही सहारा है क्योंकि ईश्वर के घर देर है अंधेर नही ।
नाम न बताने की शर्त पर एक वाहन चालक ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले वाहन जिनमे अधिकांशतः ट्रक और अन्य भारी वाहनों को रोक दिया जाता है । वाहन के कागजात मांगे जाते हैं, कागजात दिखाए जाने के बाद गाड़ी वाहन की डिटेल लिखकर ड्राइवर के हाथ में एक अवैध पर्ची थमा कर 5000 से 20000 रुपए तक वसूले जाते हैं । वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पारदर्शी नीति के कारण सामान्य पार्किंग स्थल में भी पर्ची पर राशि लिखी होती है भले ही वह 5 रुपए ही क्यों न हो, इसके विपरीत आरटीओ वाहन चेकिंग की पर्ची में ऐसा कुछ देखने को नही मिलता है। रीवा आरटीओ द्वारा रखे गए प्राइवेट कर्मचारी ( अवैध वसूलीकर्ता) जिनके द्वारा जिले भर में अवैध वसूली का कार्य खुलेआम, दिन-रात चलता रहता है. यह बाते रीवा के पत्रकारो की टीम पहले भी इस तरह के प्रकरण की बात उठा चुकी है ।
ऐसी जानकारी मिली है कि रीवा जिले के आरटीओ क्षेत्र अंतर्गत हर दिन 300 से 1200 ट्रक चालकों को अवैध वसूली का शिकार बनाया जा रहा है. अधिकांश से तीन से पांच हजार तथा कुछ से यह राशि (20000) बीस हजार रुपए तक वसूली जाती है। जो शख्स रसीद काट रहा था वह बिना राशि लिखी फर्जी रसीद वाहन चालक को पकड़ाए जा रहा था।
अन्य राज्यों के ट्रक रहते हैं वसूली टारगेट में
आपको बता दे कि आरटीओ रीवा के क्षेत्र अंतर्गत जिन अघोषित चेक पोस्ट पर वसूली होती हैं उनमें बाहर या अन्य राज्यों के हर ट्रक को टारगेट किया जाता है। इन ट्रक को सादा कपड़ों में कुछ युवक रोकते हैं, फिर ड्रायवर से एंट्री लेकर पर्ची थमाई जाती है, अन्य राज्यों के ट्रक के साथ दांव लगने पर मध्यप्रदेश के वाहन भी इस राडार में आते हैं।
क्या कहता है नियम
वाहन चेक पोस्ट पर सामान्यतः वाहन रजिस्ट्रेशन, वाहन बीमा, वाहन फिटनेस, बिल्टी सहित उसकी लोड क्षमता के अनुसार भार न होने आदि पर मामले में उचित सेक्शन के तहत चालान कटता है. रसीद में उसका उल्लेख करना होता है इसका सीरियल नंबर, बुक नंबर सहित वैधानिक विवरण लिखना होता है। इन दस्तावेजों पर चेक पोस्ट प्रभारी के हस्ताक्षर और सील होनी चाहिए। लेकिन अवैध वसूली के दौरान यह सभी नियम ताक पर रखे जाते हैं।
जिम्मेदार बने अनजान
पर्ची देकर पैसे लिए जाने के प्रकरण पर जब हमारे संवाददाता ने आरटीओ के जिम्मेदार अधिकारियों से सम्पर्क किया तो बात तक नहीं किया फोन उठाना मुनासिब नहीं समझे । ऐसे में जब उस सड़क से निकलने वाले छोटे बच्चे को भी सब दिख रहा है तब जिम्मेदार अधिकारियों का यह रवैया अनेक सवाल छोड़ता है।जिनके जबाव भी परिवहन विभाग के पास ही मिलेंगे।
यदि विभाग की ओर से यह अवैध वसूली नही हो रही तो परिवहन विभाग इसे कब तक रोक पाएगा। देखते हैं इस खबर का असर विभाग में कितना होता है या वाहन चालक ऐसे ही परेशान होते रहेंगे।
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