संजय गाँधी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएँ बाधित । नहीं हो रही ऑपरेशन से डिलीवरी। मरीज के परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप

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संजय गाँधी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएँ बाधित । नहीं हो रही ऑपरेशन से डिलीवरी। मरीज के परिजनों ने लगाया गंभीर आरोप

रीवा संजय गाँधी अस्पताल में इन दिनों कर्मचारिओं की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सुविधाएँ ठप्प हो चुकी हैं। संजय गाँधी अस्पताल के बच्चा वार्ड में डिलीवरी के लिए भर्ती मरीजों का इलाज पूरी तरह से बंद है। कर्मचारियों के हड़ताल के चलते संजय गाँधी हॉस्पिटल में सिर्फ नार्मल डिलीवरी हो रही है अगर किसी मरीज को डिलीवरी के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता है तो हॉस्पिटल में डॉक्टर एवं ऑपरेशन की व्यवस्था होने के बावजूद भी ऑपरेशन से डिलीवरी नहीं हो रही है उसका कारण है हॉस्पिटल की वार्ड बॉय नहीं है जिससे मरीजों के परिजन प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने को मजबूर हैं।

सूत्रों के मुताविक कल एक प्रसूता को लेबर पेन होने पर संजय गाँधी हॉस्पिटल में बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था परन्तु नार्मल डिलीवरी नहीं होने के कारन उस प्रसूता का ऑपरेशन से डिलीवरी नहीं कराइ जा सकी क्यों कि हॉस्पिटल में कोई भी वार्ड बॉय मौजूद नहीं था महिला डॉक्टर ने कहा कि मेरी पूरी टीम तैयार है मगर मेरे पास वार्ड बॉय नहीं है जिससे हम डिलीवरी नहीं कर सकते हैं। जिसके बाद उस प्रसूता के परिजन उस प्रसूता को संजय गाँधी हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कराकर प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाने को मजबूर हो गए।

इस सम्बन्ध में जब हमारे रिपोर्टर के द्वारा संजय गाँधी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर राहुल मिश्रा से इस सम्बन्ध में जानकारी चाही गई तो उन्हों ने यह स्वीकार किया कि कर्मचारियों की हड़ताल के कारण असुविधा हो रही है उनका कहना था कि कर्मचारियों ने हड़ताल किया था मगर उनका बेतन उन्हें दिया जा चुका है। मगर कुछ कर्मचारी नेतागिरी कर रहे हैं जिससे हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सुविधा बाधित हो रही है।

सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि कर्मचारियों के इस हड़ताल से उन गरीबों को स्वास्थ्य सुविधाएँ नहीं मिल रही है। जिसकी स्थिति प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने की नहीं है वह कहा जायेगा ऐसी स्थिति में कोई अनहोनी हुई तो इसका जिम्मेवार कौन होगा। संजय गाँधी हॉस्पिटल की यह बेहद गंभीर समस्या है अगर समय रहते इसका समाधान नहीं हुआ तो कोई भी बड़ी घटना हो सकती है।

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